सोमवार, 15 सितंबर 2014

अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार सूचकांक, 2014

किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा सृजित कोई रचना, संगीत, साहित्यिक कृति, कला, खोज, नाम अथवा डिजाइन आदि, उस व्यक्ति अथवा संस्था की बौद्धिक संपदा कहलाती है। व्यक्ति अथवा संस्था को अपनी इन कृतियों पर प्राप्त अधिकार को बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) कहा जाता है। बौद्धिक संपदा अधिकार व्यक्ति या संस्था को अपनी रचना/आविष्कार पर एक निश्चित अवधि के लिए विशेषाधिकार प्रदान करते हैं। इन विशेषाधिकारों का विधि द्वारा संरक्षण पेटेंट, कॉपीराइट अथवा ट्रेडमार्क आदि के रूप में किया जाता है। इससे सर्जक खोज तथा नवाचार (Innovation) के लिए उत्साहित और उद्यत रहते हैं और वित्तीय एवं वाणिज्यिक लाभ प्राप्त करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार सूचकांक अमेरिकी वाणिज्यिक संगठन यूएस चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा वर्ष 2007 में स्थापित ग्लोबल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी सेंटर (GIPC : Global Intellectual Property Center) द्वारा वर्ष 2013 से प्रति वर्ष जारी किया जा रहा है। इसका उद्देश्य अमेरिका और अन्य प्रमुख देशों में बौद्धिक संपदा अधिकारों का संरक्षण तथा इसके मानदंडों का बचाव और संवर्धन करना है।
  • 28 जनवरी, 2014 को ग्लोबल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी सेंटर (GIPC) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार सूचकांक (IIPRI : International Intellectual Property Rights Index) का दूसरा संस्करण जारी किया गया।
  • अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार सूचकांक (IIPRI) में विश्व के 25 देशों को 30 प्रमुख संकेतकों के आधार पर रैंकिंग प्रदान की गई है।
  • यह संकेतक विश्व के विभिन्न देशों में बौद्धिक संपदा अधिकार में वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने वाले माहौल के सूचक हैं।
  • इन संकेतकों के आधार पर कुल उच्चतम स्कोर-30 अंक है।
  • इस सूचकांक में संयुक्त राज्य अमेरिका को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है। इसका स्कोर-28.52 है।
  • यूनाइटेड किंगडम दूसरे (स्कोर-27.59), फ्रांस तीसरे (स्कोर-27.15), सिंगापुर चौथे (स्कोर-25.12) तथा ऑस्ट्रेलिया पांचवें  (स्कोर-24.18) स्थान पर है।
  • इस सूचकांक के 25 देशों की सूची में अंतिम पांच स्थान प्राप्त करने वाले देश क्रमशः भारत (25वां, स्कोर-6.95), थाईलैंड (24वां, स्कोर-7.34), वियतनाम (23वां, स्कोर-7.8), इंडोनेशिया (22वां, स्कोर-8.09) तथा अर्जेंटीना (21वां, स्कोर-9.45) हैं।
  • उल्लेखनीय है कि सूचकांक में शामिल देशों की सूची में भारत लगातार दूसरे वर्ष अंतिम स्थान पर है।
  • विशेष रूप से पेटेंट, कॉपीराइट व अंतर्राष्ट्रीय संधियों से संबंधित श्रेणियों में भारत का प्रदर्शन अत्यधिक खराब रहा है।
  • इस सूचकांक में ब्रिक्स (BRICS) देशों में रूस (स्कोर-13.28) 13वें, चीन (स्कोर-11.62) 17वें, द. अफ्रीका (स्कोर-11.6) 18वें तथा ब्राजील (स्कोर-10.83) 19वें स्थान पर है।
  • इस रिपोर्ट में बायो-फार्मास्युटिकल क्षेत्र में पेटेंट अधिकारों और नवाचार (Innovation) के अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए भारतीय नीति की आलोचना की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि भारतीय उच्चतम न्यायालय ने 1 अप्रैल, 2013 को दिए गए अपने महत्त्वपूर्ण निर्णय में स्विट्जरलैंड की बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी नोवार्टिस एजी (Novartis AG) द्वारा कैंसर के उपचार की दवा ग्लीवेक (Glivec) के उन्नत संस्करण हेतु दाखिल पेटेंट आवेदन को अस्वीकृत कर दिया था।
Source: http://ssgcp.com/अंतर्राष्ट्रीय-बौद्धिक-स/

सरकार जल्द लाएगी बौद्धिक संपदा नीति

अमेरिका समेत तमाम विकसित देशों के भारत की ओर से बौद्धिक संपदा अधिकारों (आइपीआर) पर सवाल उठाने के बाद भारत सरकार ने सक्रियता बढ़ा दी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जल्दी ही बौद्धिक संपदा पर एक समग्र नीति तैयार कर लेगा।
वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अगले चार माह के भीतर नीति के मसौदे को सार्वजनिक बहस के लिए जारी कर देगा।
यही नहीं औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) में जल्दी ही एक थिंक टैंक भी होगा। यह आइपीआर से संबंधित मुद्दों को ज्यादा मजबूती से संभाल सकेगा। वाणिज्य व उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत में अभी तक आइपीआर नीति नहीं है।
ऐसा पहली बार होगा जब हमारी सरकार बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित नीति ला रही है। यह मुद्दा लंबे समय से लटका हुआ है।
अपने मंत्रालय के सौ दिन के कामकाज का ब्यौरा देते हुए सीतारमण ने कहा कि इस नीति के बन जाने के बाद विकसित देशों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों से निपटने में मदद मिलेगी। साथ ही भारतीय हितों को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।
नीति भारत के बौद्धिक संपदा अधिकारों को दिशा प्रदान करेगी। अमेरिका के साथ भारत के कई मुद्दों पर मतभेद है। भारत फार्मा के मामले में एक ब्रांड बन गया है। आइपीआर के मामले में भारत बेहद सशक्त है और अपने हितों को सुरक्षित रखना चाहता है।
मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआइ नहीं
सीतारमण ने मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के सवाल पर फिर दोहराया कि सरकार इसके खिलाफ है। इसे किसी सूरत में इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे लेकर सरकार किसी तरह की दुविधा में नहीं है। एफडीआइ के मामले में जो निर्णय मल्टीब्रांड रिटेल पर लागू होता है वही ई- कॉमर्स पर भी लागू होगा। लिहाजा वहां भी सरकार एफडीआइ की इजाजत नहीं देगी।
चीन से भारत में निवेश का आग्रह
मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर देते हुए वाणिज्य व उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि चीन की कंपनियां यहां निवेश करें। जून में भारत ने चीन के साथ देश में औद्योगिक पार्क स्थापित करने संबंधी समझौता किया है। "हमें उम्मीद है कि चीनी यहां आएंगे और निवेश करेंगे। हम उन्हें यह समझा पाएं हैं कि जिन वस्तुओं को वे निर्यात करते हैं उनका निर्माण भारत में ही करें।" चीनी प्रधानमंत्री के आगामी भारत दौरे में इस आशय के कई और समझौते होने की संभावना है।
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बौद्धिक संपदा

बौद्धिक संपदा (IP) बौद्धिक रचनाओं, कलात्मक और वाणिज्यिक, दोनों और उससे संबधित क़ानूनी क्षेत्रों पर विविध प्रकार के क़ानूनी एकाधिकार हैं। बौद्धिक संपदा क़ानून के तहत, मालिकों को विभिन्न अमूर्त संपत्तियों, जैसे संगीत संबद्ध, साहित्यिक और कलात्मक; विचार, खोज और आविष्कार; और शब्द, वाक्यांश, प्रतीक और डिज़ाइनों के संदर्भ में कुछ विशेष अधिकार प्रदान किये गये हैं। सामान्य प्रकार की बौद्धिक संपदा में शामिल हैं, कॉपीराइटट्रेडमार्कपेटेंटऔद्योगिक डिज़ाइन अधिकार और कुछ आधिकारिक क्षेत्रों में व्यापार रहस्य.
बौद्धिक संपदा अधिकार, मानसिक रचनाएं, कलात्मक और वाणिज्यिक, दोनों के संदर्भ में विशेष अधिकारों के समूह हैं। प्रथम अधिकार कॉपीराइट क़ानूनों से आवृत हैं, जो रचनात्मक कार्यों, जैसे पुस्तकें, फ़िल्में, संगीत, पेंटिंग, छाया-चित्र और सॉफ्टवेयर को संरक्षण प्रदान करता है और कॉपीराइट अधिकार-धारक को एक निश्चित अवधि के लिए पुनरुत्पादन पर या उसके रूपांतरण पर नियंत्रण का विशेष अधिकार देता है।
दूसरी श्रेणी, सामूहिक रूप से "औद्योगिक संपत्ति" के रूप में जानी जाती है, क्योंकि इनका उपयोग विशिष्ट रूप से औद्योगिक या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है।पेटेंट एक नए, उपयोगी और अस्पष्टआविष्कार के लिए दिया जा सकता है और पेटेंट धारक को दूसरों को आविष्कारक द्वारा बिना लाइसेंस दिए एक निश्चित अवधि के लिए आविष्कार के अभ्यास से रोकने का अधिकार प्रदान करता है।
ट्रेडमार्क एक विशिष्ट चिह्न है, जिसका प्रयोग बाज़ार में उत्पादों के बीच भ्रांतियों को रोकने के लिए किया जाता है।
औद्योगिक डिज़ाइन अधिकार, एक औद्योगिक वस्तु के रूप, शैली या डिज़ाइन के स्वरूप को अतिक्रमण से बचाता है। व्यापार रहस्य एक असार्वजनिक ज्ञान का विषय है, जो वाणिज्यिक कार्य-प्रणालियों या एक व्यापार के स्वामित्व के ज्ञान से संबंधित है। व्यापार रहस्य का सार्वजनिक प्रकटीकरण कभी-कभी ग़ैर क़ानूनी हो सकता है।
Source: http://hi.wikipedia.org/wiki/बौद्धिक_संपदा